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उत्तराखंड के दो मेडिकल कालेजों में पचास हजार सालाना फीस पर छात्र करँगे एमबीबीएस

उत्तराखण्ड

उत्तराखंड के दो मेडिकल कालेजों में पचास हजार सालाना फीस पर छात्र करँगे एमबीबीएस

देहरादून– उत्तराखंड सरकार ने दून-हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में मेडिकल छात्रों के लिए एक बार फिर से बांड की व्यवस्था लागू करने जा रही है। दो साल पहले सरकार ने हल्द्वानी और दून मेडिकल कॉलेज में बांड की व्यवस्था खत्म कर दी गई थी। इसके बाद दोनों मेडिकल कॉलेजों में छात्रों को चार लाख रुपये सालाना फीस चुकानी पड़ रही थी।

इस फीस का छात्र काफी समय से विरोध कर रहे हैं। सरकारी प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि छात्र हित को देखते हुए फिर से दून और हल्द्वानी में बांड की व्यवस्था लागू की जाएगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग को इसके लिए प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए हैं। अगली कैबिनेट में इस पर मुहर लगाई जाएगी। अभी सिर्फ श्रीनगर मेडिकल कालेज में ही छात्रों को यह सुविधा मिल रही थी। 

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बदले जाएंगे नियम- कैबिनेट ने एएनएम की सेवा नियमावली में बदलाव पर भी मुहर लगा दी है। इसके बाद अब एएनएम के प्रमोशन में छह माह के प्रशिक्षण की बाध्यता में एक बार छूट मिल जाएगी। इससे राज्य में 180 के करीब एएनएम को जल्द प्रमोशन मिल जाएगा। राज्य का एएनएम संघ लम्बे समय से प्रमोशन में वन टाइम रिलेक्सेशन की मांग कर रहा था। 

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अब पचास हजार में मिलेगा प्रवेश-सरकार की इस सहमति के बाद अब दून और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में पचास हजार सालाना फीस पर छात्रों को एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश मिल जाएगा। जबकि अभी बिना बांड के यह फीस चार लाख रुपये सालाना है। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में भी बांड की फीस पचास हजार रुपये है। बांड वाले डॉक्टरों को एक साल मेडिकल कॉलेज में इंटर्नशिप और दो साल राज्य में नौकरी करनी होगी। 

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