Connect with us

उत्तराखंड की बद्री गाय का दुनिया मे सबसे अच्छा दूध व घी

उत्तराखण्ड

उत्तराखंड की बद्री गाय का दुनिया मे सबसे अच्छा दूध व घी

बद्री गाय उत्तराखंड की एक देशी गाय की नस्ल है. वही बद्री गाय उत्तराखंड की पहली पंजीकृत मवेशी नस्ल है, जिसे राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (NBAGR) द्वारा प्रमाणित किया गया है. यह मैदानी इलाकों की गायों द्वारा खायी जाने वाली हानिकारक चीजों से कोसों दूर रहती है, क्योंकि यह हिमालय में पाई जानी वाली औषधीय जड़ी बूटियों को चरती है. इसलिए इसका दूध औषधीय तत्वों से भरपूर होता है.

यूकॉस्ट (उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद) और आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) रुड़की के वैज्ञानिकों द्वारा बद्री गाय के दूध पर किए गए एक रिसर्च से यह तथ्य सामने आया है कि उत्तराखंड के पहाड़ी इलाके में पायी जाने वाली बद्री गाय का दूध दुनिया में सबसे अधिक गुणकारी एवं निरोगी दूध है.

यह भी पढ़ें -  आधी रात आया धामी सरकार का आदेश, 33 IAS और 24 पीसीएस का तबादला

वेल्यू एडिशन टू दि हिल-केटल ऑफ उत्तराखंड यूसिंग बॉयोटेक्नोलॉजिकल इन्वेस्टिगेशन प्रोजेक्ट के तहत किए गए शोध से भी पता चला कि पहाड़ी गाय के दूध में 90 फीसद A-2 जीनोटाइप बीटा केसीन पाया जाता है, जो डायबिटीज और हृदय रोगों को रोकने में कारगर है साथ मनुष्य के लिए हर दृष्टि से लाभदायी है। जबकि, विश्वभर में हुए शोधों के मुताबिक जर्सी, होल्सटिन समेत अन्य नस्ल की गायों के दूध में पाया जाने वाला A-1 बीटी केसीन जीनोटाइप डायबिटीज, हृदय रोग व अन्य मानसिक रोगों का कारक है।

यह भी पढ़ें -  धामी कैबिनेट द्वारा लिये गये महत्वपूर्ण निर्णय विस्तार से...

देसी गायों की अन्य नस्लों के अपेक्षा बद्री गाय के दूध में 90 फीसद ए-2 जीनोटाइप बीटा केसीन (A2 genotype beta casein) पाया जाता है, जो शुगर (डायबिटीज) और हार्ट से जुड़ी बीमारियों को रोकने में बहुत कारगर है. इसके अलावा कई अन्य रोगों से बचाने में भी कारगर है.

बीटा जीनोटाइप केसीन क्या है
(What is beta genotype casein)

जेनेटिक भिन्नता के आधार पर दुधारू पशुओं में 12 तरह के बीटा केसीन पाए जाते हैं. वहीं इनमें सिर्फ ए-1 और ए-2 बीटा केसीन को प्रमुख माना जाता है, जबकि ए-3, ए-4, ए-5, ए-6, ए-7,ए-8, ए-9, ए-10, ए-11 और ए-12 बीटा केसीन दुधारू पशुओं दूध में बहुत कम मात्रा में पाए जाते हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दूध में प्रोटीन का मुख्य कारक केसीन ही होता है.

यह भी पढ़ें -  धामी कैबिनेट में 11 प्रस्तावों पर लगी मुहर …

बद्री गाय उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में पाली जाती हैं। पहाड़ी नस्ल की इस गाय को जून 2016 में एनबीएजीआर (नेशनल ब्यूरो ऑफ एनिमल जेनेटिक्स एंड रिसर्च) ने नामांकन प्रमाण पत्र जारी किया। वैज्ञानिकों के मुताबिक बद्री गाय एक वक्त में एक से तीन किलो तक दूध देती है। इसका दूध (घी) गाढ़ा व पीला होता है

Continue Reading

More in उत्तराखण्ड

Trending News

Follow Facebook Page