उत्तराखण्ड
बढ़ेगा प्रशासकों का कार्यकाल,अक्टूबर में होंगे नगर निकाय चुनाव ?
उत्तराखंड में नगर निकाय के चुनाव होने है। इस समय नगर निकाय प्रशासको के हवाले है। उम्मीदवार अपनी तैयारी में लगे हुए है। प्रदेश के शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने निकाय चुनावों पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि छह जून तक लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के कारण निकाय चुनाव की तैयारी नहीं हो पा रही है। इस कारण प्रशासकों का मौजूदा कार्यकाल दो जून से आगे बढ़ाना पड़ेगा।शुक्रवार को शहरी विकास निदेशालय में आयोजित समीक्षा बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में अग्रवाल ने कहा कि निकाय चुनाव से पहले कई जरूरी काम किए जाने हैं, लेकिन छह जून तक लोकसभा चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण इसमें बाधा आ रही है, इस कारण सरकार कोई भी निर्णय नहीं ले पा रही।
ऐसी स्थिति में निकायों में प्रशासकों का मौजूदा कार्यकाल दो जून से आगे बढ़ाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही निकायों में वोटर लिस्ट संशोधन का काम भी चल रहा है, इसके बाद आरक्षण भी होना है।
02 जून तक है प्रशासकों का निकायों में मौजूदा कार्यकाल
06 जून तक लागू रहेगी लोकसभा चुनाव की आचार संहिता
तो अक्तूबर में होंगे निकाय चुनाव ?
मंत्री के बयान से स्पष्ट है कि निकाय चुनाव अब सितंबर-अक्तूबर तक ही हो पाएंगे। इससे पहले 15 सितंबर तक प्रदेश में मंगलौर और बदरीनाथ विधानसभा के लिए भी उपचुनाव होता है, इसतरह निकाय चुनाव की। बारी इसके बाद ही आ पाएगी। जबकि जुलाई- अगस्त में मानसून काल चरम पर होने के कारण चुनाव कराने में कठिनाई हो सकती है।
निर्धारण की भी प्रक्रिया पूरी की जानी है। इसके बाद ही चुनाव संभव हो
पाएंगे। उन्होंने निकाय चुनाव के लिए स्पष्ट डेडलाइन के सवाल को टालते हुए कहा कि सरकार चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है, लेकिन संवैधानिक बाध्यता के बीच कुछ व्यावहारिक
समस्याओं को भी देखा जाना है। अग्रवाल ने कहा कि आचार संहिता के कारण इस समय वो विभागीय समीक्षा बैठक तक नहीं कर पा रहे हैं, यहां तक की चारधाम समीक्षा बैठक के लिए भी निर्वाचन आयोग की अनुमति लेनी पड़ी।