उत्तराखण्ड
विजय दिवस, उत्तराखंड वीरों की भूमि,पूरे प्रदेश को नाज
पिथौरागढ़– विजय दिवस के अवसर पर जनपद मुख्यालय में चंडाक रोड स्थित शहीद स्मारक स्थल में श्रृद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजित किया गया। जिसमें 1971के भारत-पाक युद्ध में जनपद के 52 शहीद हुए वीर सैनिकों को विधायक पिथौरागढ़ चंद्रा पंत,अध्यक्ष जिला पंचायत दीपिका बोहरा,जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान समेत विभिन्न व्यक्तियों द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस अवसर पर विधायक पिथौरागढ़ चंद्रा पंत ने सभी वीर शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड देव भूमि के साथ ही वीरों की भी भूमि है। जनपद पिथौरागढ़ से देश के स्वतंत्रता संग्राम से लेकर देश की सुरक्षा हेतु हर युद्ध में वीर जवानों ने आगे बढ़कर अपना बलिदान देकर देश की रक्षा की है,यहाँ के वीर जवान देश की रक्षा हेतु हमेशा ही आगे बढ़कर सीमा पर तैनात रहते हैं उन्होंने कहा कि इन्ही वीरों को याद करते हुए तथा उहें सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए राजधानी देहरादून में राज्य का पाँचवा धाम सैन्य धाम बनाया जा रहा है।
इस अवसर पर अध्यक्ष जिला पंचायत दीपिका बोहरा ने वीर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि पिथौरागढ़ जिला एक सैन्य बाहुल्य जनपद है यहाँ के नागरिकों के खून में बसा है सीमाओं की रक्षा कैसे की जाती है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी का यह 75 वाँ वर्ष है जिसे आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। हमें अपने इतिहास को जानना होगा तभी हम अपने भविष्य को बना पायेंगे तभी हमारा बेहतर भविष्य होगा।इस अवसर पर श्रद्धांजलि देते
हुए जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने कहा कि 03 दिसम्बर से लेकर 16 दिसम्बर 1971 के बीच भारत-पाक युद्ध लड़ा गया। 16 दिसम्बर 1971 को भारतीय सैनिकों ने अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए पाकिस्तानी सेना के छक्के छुड़ाकर विजय प्राप्त की। भारत ने अपने रण कौशल एवं वीर सैनिकों की बहादुरी के बदौलत इस युद्ध को 14 दिनों में समाप्त कर दिया। भारतीय सेना ने इस युद्ध को जीत कर 90 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को बन्दी बना लिया और शिमला समझौते के तहत ही इन युद्ध बन्दियों को बाद में रिहा किया गया। ये भारतीय सैनिकों की ऐतिहासिक जीत रही। इस युद्ध में हमारे बहुत से सैनिको ने अपना सर्वोच्च बलिदान देश के लिए समर्पित किया आज समूचा राष्ट्र इन बहादुर सैनिको को श्रद्धासुंमन अर्पित करता है। उन्होंने कहा कि इस दिन को प्रतिवर्ष पूरे देश में विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस अवसर पर जिला सैनिक कल्याण एवं पुर्नवास अधिकारी सेवानिवृत्त ले0 कर्नल बी पी भट्ट ने 1971 भारत-पाक युद्ध के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि 14 दिन तक चले इस युद्ध के बाद 16 दिसम्बर 1971 को पाकिस्तान सेना के 90 हजार जवानों को समर्पण के लिए मजबूर कर दिया।
इस युद्ध में जनपद पिथौरागढ़ के 52 वीर सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी तथा 14 वीर सैनिकों को वीरता पदक से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर जिला प्रशासन की ओर से वीर नारियों श्रीमती शकुन्तला देवी पत्नी स्व० सिपाही भवानी राम,श्रीमती लछिमा देवी पत्नी स्व० ला०ना० रतन राम,श्रीमती बसन्ती देवी पत्नी स्व0 सिपाही नारायण सिंह,श्रीमती जयन्ती देवी पत्नी स्व० नायक मान सिह,श्रीमती बसन्ती देवी पत्नी स्व० सिपाही लक्षमण सिह श्रीमती सरस्वती देवी पत्नी स्व० हवलदार दान सिंह को साल ओढ़ाकर माननीय विधायक, अध्यक्ष जिला पंचायत एवं जिलाधिकारी द्वारा सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त इस अवसर पर विभिन्न विद्यालय स्तर पर कराई गई निबंध एवं चित्रकला प्रतियोगिता के प्रथम,द्वितीय व तृतीय विजेताओं को भी पुरुस्कृत किया गया। इस अवसर पर पुलिस बल द्वारा शोक सलामी दी गई।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी फिंचा राम चौहान, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी बी पी भट्ट,पुलिस क्षेत्राधिकारी अनिल मनराल,पूर्व सैनिक संगठन के प्रतिनिधि समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी,पुलिस जवान,एनसीसी कैडेट,स्कूलों के छात्र-छात्रा आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन कैप्टन दीवान सिंह वल्दिया द्वारा किया गया।