उत्तराखण्ड
इस साल 15 जत्थो में जाएंगे 750 कैलास मानसरोवर यात्री, नामों की हुई घोषणा।
पिथौरागढ़– छह वर्ष बाद एक बार फिर भारतीय तीर्थयात्री कैलास मानसरोवर की यात्रा पर जा सकेंगे। इस बारे में चीन और भारत के बीच पहले से ही बनी सहमति के बाद बुधवार को विदेश मंत्रालय ने लाट्री सिस्टम के जरिये सौभाग्यशाली यात्रियों के नामों की घोषणा की। 750 यात्रियों री को कैलास मानसरोवर जाने का मौका मिलेगा। विदेश मंत्रालय ने बताया कि जून से अगस्त के बीच 50-50 यात्रियों का कुल 15 जत्था मानसरोवर यात्रा के लिए रवाना होगा। पांच जत्था लिपुलेख के रास्ते मानसरोवर जाएगा, जबकि 10 जत्थे अलग-अलग समय पर नाथु ला रूट से जाएंगे। यह भी बताया गया है कि दोनों मार्ग काफी हद तक कार से जाने लायक बना दिए गए हैं। ने इसलिए यात्रियों को बहुत कम पैदल यात्रा करनी होगी।
एक कार्यक्रम में विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्द्धन सिंह ने चयनित यात्रियों के नाम लाट्री सिस्टम के जरिये निकाले। विदेश मंत्रालय का दावा है कि लाट्री प्रणाली कंप्यूटर आधारित है, जो पूरी तरह से पारदर्शी है। इस साल कुल 5,561 यात्रियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। इनमें 4,024 न पुरुष और 1,537 महिलाएं थीं। इनमें से 750 यात्रियों का चयन किया गया है। सनद रहे कि वर्ष 2019 के छह साल बाद शुरू हो रही यात्रा 50-50 यात्रियों का जत्था जाएगा
चीन से सहमति के बाद विदेश मंत्रालय ने जारी किए नाम
बाद कोरोना और भारत-चीन संबंध खराब होने की वजह से कैलास मानसरोवर यात्रा बंद कर दी गई थी। इसको फिर से शुरू करने की सहमति अक्टूबर, 2024 में पीएम नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मुलाकात में बनी। तब दोनों नेता अप्रैल, 2020 से पूर्वी लद्दाख से सटे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) में चीनी सेना की घुसपैठ के बाद उपजे तनाव को समाप्त करने को सहमत हुए थे। इसके बाद जब दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बैठक हुई थी, तब कैलास मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने पर अंतिम फैसला हुआ था।
