Connect with us

खत्म हुआ जीवन का आधार, ग्रामीणों को आजीविका का संकट, विशेष राहत पैकेज देने की मांग

उत्तराखण्ड

खत्म हुआ जीवन का आधार, ग्रामीणों को आजीविका का संकट, विशेष राहत पैकेज देने की मांग

पिथौरागढ़– बीते दिनों हुई मूसलाधार बारिश ने बिण विकासखंड के थलकेदार क्षेत्र में काफी तबाही मचाई। उपजाऊ कृषि भूमि के साथ 35 मत्स्य तालाब आपदा की भेंट चढ़ गए। इससे 24 से अधिक गांवों के ग्रामीणों के समक्ष आजीविका का संकट हो गया है। पिथौरागढ़ में बीते दिनों हुई मूसलाधार बारिश ने बिण विकासखंड के थलकेदार क्षेत्र में काफी तबाही मचाई। उपजाऊ कृषि भूमि के साथ 35 मत्स्य तालाब आपदा की भेंट चढ़ गए। इससे 24 से अधिक गांवों के ग्रामीणों के समक्ष आजीविका का संकट हो गया है। आपदा का सामना कर रहे इस क्षेत्र को विशेष राहत पैकेज देने की मांग उठ रही है। इस संबंध में जिलाधिकारी के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा गया है।

जिला पंचायत उपाध्यक्ष कोमल मेहता के नेतृत्व में ग्रामीणों ने ज्ञापन में कहा कि आपदा से क्षेत्र में काफी अधिक नुकसान हुआ है। मेहता ने कहा कि थरकोट, डाल, जामिरखेत, फगाली, बेतखोली, इग्यारदेवी, ताेली, कॉटे, भैंलोत, बमनथल, धिंघरानी, सिरपोली, स्यूनी, पांगर, धारी, धमौड़, खड़किनी, गणकोट, हाट, बोरा गांव, बालाकोट, टाला, बजौड़ आदि गांवों में अतिवृष्टि ने कहर बरपाया है। पेयजल, सिंचाई नहरें, गूल, संपर्क मार्ग, सड़क के साथ ही मत्स्य तालाब और खेती की जमीन भी बर्बाद हो गई है। इससे स्थानीय लोगों की बागवानी, खेती, डेयरी को नुकसान है। ज्ञापन सौंपने वालों में प्रधान इग्यारदेवी, नरेश पांडेय, दीवान सिंह, पूरन सिंह आदि मौजूद रहे।

Continue Reading

More in उत्तराखण्ड

Trending News

Follow Facebook Page