उत्तराखण्ड
“माउंट चोआयु” को सफलतापूर्वक आरोहण कर इतिहास में पहली महिला बनने का गौरव पाया पिथौरागढ़ की शीतल ने….
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की रहने वाली पर्वतारोही शीतल ने इतिहास बनाया। शीतल माउंट चोओयू पर आरोहण करने वाली पहली भारतीय महिला बन गयी है। हंस फाउंडेशन ने हमेशा की तरह इस बार भी शीतल की उड़ान के लिए पंख लगाए। पर्वतारोही शीतल तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहस पुरस्कार विजेता भी है।
5 सितम्बर 2024 से शीतल अभियान शुरू हुवा काठमांडू पौहुचते ही चाइना वीजा के लिए अप्लाई कर दिया था लेकिन भारत के साथ अच्छे संबंध ना होने कारण बोहोत ही मुश्किल हो रही है। फिर भी शीतल वीजा के लिए अप्लाई क्रिया और बोहोत लोगो से साथ देने के लिए मुलाकात और बाते किया, अंततः 20 दिनों बाद शीतल को वीजा मिल गया 2019 के बाद वीजा मिलना मुश्किल था लेकिन लास्ट में मिल ही गया।
21 सितंबर को शीतल ने बाय रोड बॉडर क्रॉस किया और किरोंग पहुंची फिर आगे थिंगरी और 24 सितंबर को एडवांस बेसकैंप पाउची। एक्सपीडिशन शुरूवात हो चुकी थी और में लेट हो गई वीजा की वजह से इश लिए सब जल्दी जल्दी एक्सोएडिशन सुरु किया।
8 अक्टूबर 2024 को प्रातः 8 ( चाइनीज टाइम) भारत का तिरंगा माउंट चोओयू पर लहराया और इतिहास में अपना नाम पहली भारतीय महिला होने का गौरव हासिल किया।
शीतल का कहना है कि जनवरी 2022 में मेरा स्कीइंग करने हुवे गुलमग में एक्सिडेंट हो गया था जिस वजह से मेने 2 साल कुछ नही किया बस बिस्तर में ही परे रहती थी और लग रहा था जैसे अब सब खत्म हो गया है।
2 बार ऑप्रेशन होने के हर कोई यही सोचेगा।
मेने हार नही मानी और लगा जैसे भगवान भी चाहते है थोड़ा रेस्ट करू और अपना ख्याल रखूं प्लानिंग चल रही थी लेकिन सबसे मुश्किल परिवार वालो को समझना था क्युकी वो भी डर गए थे की कुछ हो गया आए तो क्या होगा! परिवार वालो को समझाया और कहा कि ऐसा कुछ लगेगा तो में वापस आजाएगी आप परेशान मत होना।