उत्तराखण्ड
उत्तराखंड पंचायत चुनाव -पंचायतों के लिए आरक्षण तय
देहरादून- उत्तराखंड में पंचायत चुनाव को लेकर आरक्षण तय कर शासनादेश जारी कर दिया है।
प्रदेश में हरिद्वार जिले को छोड़कर 12 जिला पंचायतों में से सात जिपं अध्यक्ष, 48 बीडीसी प्रमुख और 3909 प्रधान होंगी महिलाएं। साथ ही आपत्ति एवं निपटारे के लिए समय सारणी भी जारी की है।
प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायतों में आरक्षण के लिए शासन ने आदेश जारी कर दिया। एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा। वहीं, जिला पंचायतों में सात, क्षेत्र पंचायत प्रमुख में 48 और ग्राम पंचायतों में प्रधान पद के लिए 3909 पद महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे। आपत्तियों के निपटारे के बाद आरक्षण प्रस्तावों का अंतिम प्रकाशन 18 जून 2025 को किया जाएगा।
पंचायतों में आरक्षण के लिए जारी शासनादेश के मुताबिक राज्य के 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायतों के 2025 के चुनाव के लिए पदों एवं स्थानों पर आरक्षण का निर्धारण वर्ष 2011 की जनगणना के आधार
प्रधान पदों की संख्या का विवरण -11 जून
आरक्षण प्रस्तावों का अनंतिम प्रकाशन -13 जून
आरक्षण प्रस्तावों पर आपत्तियां प्राप्ति -14 से 15 जून
डीएम की ओर से आपत्तियों का निस्तारण -16 से 17 जून
आरक्षण प्रस्तावों का अंतिम प्रकाशन -18 जून
आरक्षण प्रस्ताव निदेशालय को उपलब्ध -19 जून
आरक्षण प्रस्ताव शासन व आयोग को -19 जून
पर किया जाएगा। जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर अनुसूचित जाति के लिए दो एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए दो पद आरक्षित किए जाएंगे।
क्षेत्र पंचायत प्रमुख के पदों पर अनुसूचित जनाति के लिए तीन, अनुसूचित जाति के लिए 18 और
आरक्षण के लिए यह फार्मूला अपनाया

आरक्षण के लिए जो फार्मूला तय हुआ है, उसके मुताबिक राज्य में संबंधित जाति की संख्या को कुल जनसंख्या से भाग देते हुए कुल अध्यक्ष पदों की संख्या से गुणा किया गया है।
अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 15 पद आरक्षित होंगे। जबकि ग्राम पंचायत प्रधान के पदों पर अनुसूचित जनाति के लिए 226 पद, अनुसूचित जाति के लिए 1467 और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 1250 पद आरक्षित किए गए हैं। ब्यूरो
