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गुदड़ी के लाल- आदर्श प्राथमिक विद्यालय कपकोट के 22 बच्चों ने क्वालिफाई की सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा

उत्तराखण्ड

गुदड़ी के लाल- आदर्श प्राथमिक विद्यालय कपकोट के 22 बच्चों ने क्वालिफाई की सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा

बागेश्वर – राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय कपकोट लगातार प्राइवेट स्कूलों को आईना दिखा रहा है। अब विद्यालय के 22 बच्चों ने सैनिक स्कूल की कक्षा छह की प्रवेश परीक्षा में क्वालिफाई कर गुरुजनों की मेहनत को भी साकार कर दिखाया है।

आठ जनवरी 2023 को आल इंडिया सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा हुई थी। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने परीक्षा पास करने वाले छात्रों का स्कोर शुक्रवार रात वेबसाइट पर डाल दिया था। अब स्कूलवार मेरिट जारी होने के बाद काउंसलिंग की तिथि घोषित होगी। इस स्कोर कार्ड में दूरस्थ कपकोट तहसील के 22 बच्चों ने साबित कर दिखाया है कि सिर्फ बड़े व महंगे पब्लिक स्कूलों में ही अच्छी शिक्षा नहीं मिलती। विद्यालय के प्रधानाध्यापक ख्याली दत्त शर्मा ने बताया कि सैनिक स्कूल की प्रवेश परीक्षा के परिणाम ने बच्चों, अभिभावकों के साथ गुरुजन को भी खुशी का मौका दिया है।

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सरकारी स्कूल कपकोट प्राइवेट स्कूलों को दिखा रहा आईना

• 1872 में स्थापित हुआ स्कूल नवोदय सैनिक स्कूल व प्रतियोगिताओं में बाजी मार रहे बच्चे

राजकीय आदर्श विद्यालय

कपकोट नित नई ऊंचाई हासिल कर रहा है। प्रधानाध्यापक ख्याली दत्त शर्मा के नेतृत्व में उनकी टीम सराहनीय प्रयास कर रही है। महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीवर तिवारी का कहना है कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक और समस्त शिक्षक पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। परीक्षा क्वालिफाई करने वाले बच्चों को भी बधाई, जो अपने गुरुजन द्वारा दी जा रही शिक्षा को आत्मसात कर आगे बढ़ रहे हैं।

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राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय सिर्फ नौकरी नहीं करते शिक्षक, लेते हैं एक्सट्रा क्लास

विद्यालय के प्रधानाध्यापक ख्याली दत्त शर्मा, शिक्षक मंजू गढ़िया, हरीश ऐठानी व अजय तिवारी सुबह छह से रात 10 बजे तक अध्यापन के लिए उपलब्ध रहते हैं। यहां शिक्षक सिर्फ नौकरी करने के लिए बच्चों को नहीं पढ़ाते छह घंटे की ड्यूटी के बाद सात से आठ घंटे तक विद्यालय में रहकर बच्चों की एक्स्ट्रा क्लास लेते हैं। वे प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी बच्चों की निश्शुल्क तैयारी कराते हैं।

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सही मायने में आदर्श बना स्कूल

विद्यालय की नींव 1872 में पड़ी थी। पिछले साल तक यहां से लगभग तीन- चार बच्चे प्रतिवर्ष सैनिक स्कूल घोड़ाखल में प्रवेश पा रहे है। अब तक यहां के 15 बच्चों का चयन हो चुका है। प्रतिवर्ष जवाहर नवोदय और राजीव नवोदय के लिए आठ से दस बच्चों का चयन होता है। अब तक जवाहर नवोदय में 30 और राजीव नवोदय विद्यालयों में 20 बच्चे पढ़ रहे हैं। हिम ज्योति देहरादून के लिए 17 बच्चों का चयन हुआ है।

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