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‘वन नेशन वन इलेक्शन’ प्रस्ताव कैबिनेट से पास 

उत्तराखण्ड

‘वन नेशन वन इलेक्शन’ प्रस्ताव कैबिनेट से पास 

सीधे शब्दों में समझे तो इसका मतलब ये है कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों में केंद्र और राज्य प्रतिनिधियों को चुनने के लिए भारतीयों को उसी समय या फिर उसी साल वोट करना होगा। कैबिनेट इस प्रस्तवा पर फिलहाल मुहर लगा दी है. अगर इसे सभी जगह से मंजूरी मिल भी जाती है तो ये कोई पहली बार नहीं होगा जब देश में चुनाव एक साथ कराए जाएंगे. इससे पहले साल1952, 1957, 1962, 1967 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए गए थे। पीटीआई ने जनवरी 2024 में कहा था कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को जनता से लगभग 21,000 सुझाव मिले, जिनमें से 81 फीसदी से अधिक लोग इसके पक्ष में है।

क्या है वन नेशन वन इलेक्शन- जब देश नई केंद्र सरकार का चयन कर रहा होता है. तब देश उसी समय आंध्र प्रदेश, सिक्किम और ओडिशा की राज्य सरकार के लिए भी वोट करते है।

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लोकसभा चुनाव के साथ ही मतदान होता है. लेकिन सरकार अब नई पॉलिसी लाई है. इसके तहत देश में लोकसभा चुनाव के साथ ही सभी राज्यों में विधानसभा के चुनाव हो जाएंगे।

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