उत्तराखण्ड
हजार लड़को में 934 बेटियां पैदा हुयी पिथौरागढ़ में। मूनाकोट विकास खण्ड में सबसे कम 620 तो मुनस्यारी में सबसे अधिक1008 बच्चियां।
पिथौरागढ़– जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने बुधवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत गठित जिला सलाहकार समिति की बैठक लेते हुए एक्ट का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि जिन विकासखंडों में बाल लिंगानुपात सबसे कम है वहां पर विशेष फोकस करते हुए लिंगानुपात में सुधार लाना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या एक जघन्य अपराध है। साथ ही मानवता और प्रकृति के प्रति भी अत्यंत निंदनीय कार्य है। इससे लिंगनुपात में असंतुलन और मानवीय मूल्यों का भी नाश होता है। उन्होंने कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए जमीनी स्तर पर कार्य करने के निर्देश दिए। कहा कि जिस क्षेत्र में लिंगानुपात कम है उस क्षेत्र की आशा और आंगनवाड़ी कार्यकत्री द्वारा एकत्रित गर्भवती महिलाओं एवं शिशुओं से संबंधित डेटा का मिलान किया जाए।
जिलाधिकारी ने समिति को अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर नियमित निगरानी रखने के भी निर्देश दिए। कहा कि जिन केंद्रों में अल्ट्रासाउंड कराने के बाद डिलीवरी कम हो रही है, ऐसे केंद्रों पर विशेष फोकस किया जाए। भ्रूण परीक्षण का मामला संज्ञान में आने पर अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालक के खिलाफ एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई अमल में लाना सुनिश्चित करें। प्राइवेट क्लीनिक में ट्रैकिंग डिवाइस, सीसीटीवी कैमरा एवं रिकॉर्ड की बारीकी से जांच की जाए। कहा कि जिले में संचालित अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर किसी भी दशा में भ्रूण परीक्षण ना हो इसका पूरा ध्यान रखा जाए। साथ ही सरकारी अल्ट्रासाउंड केंद्रों को 24 घंटे संचालित करना भी सुनिश्चित करें।
सीएमओ ने बताया कि अप्रैल 2021 से दिसंबर 2021 के दौरान जनपद में पैदा हुए बच्चों का लिंगानुपात 934 है। सबसे कम लिंगानुपात मुनाकोट में 620, बेरीनाग में 783, गंगोलीहाट में 840 तथा डीडीहाट में 905 है। जबकि कनालीच्छीना में 954, धारचूला में 969, बिण में 977 तथा मुन्स्यारी में 1008 है। जिले में पंजीकृत कुल 12 अल्ट्रासाउंड केंद् में से 9 केंद्र कार्यशील है। रेडियोलॉजिस्ट ना होने के कारण गंगोलीहाट, धारचूला तथा मुनस्यारी मैं अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालित नहीं हो रहे हैं।