उत्तराखण्ड
आजादी अमृत महोत्सव के अंतर्गत एक्सपोर्टर कॉन्क्लेव का आयोजन।
पिथौरागढ़– विकास भवन सभागार में आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत उद्योग विभाग के द्वारा जनपद स्तरीय निर्यातकों एवं भावी निर्यातकों के निर्यात उत्पादों को बढ़ावा दिए जाने के साथ ही निर्यात को बढ़ावा दिए जाने हेतु एक दिवशीय एक्सपोर्टर कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। कॉन्क्लेव की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने कहा कि जिले में ओद्योगिक गतिविधियों विशेष तौर पर उद्योगों को जिले में स्थापित करने हेतु हर संभव मदद प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि उद्योगों की स्थापना के साथ ही स्थानीय उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराए जाने हेतु सर्वप्रथम एक बेहतर माहौल तैयार करना नितांत आवश्यक है, इस हेतु यहां के उत्पादों एवं उनकी संभावनाओं को हम सभी को तराशते हुए कार्य करना होगा। इसके लिए ब्रान्डिंग जरूरी है। जिलाधिकारी डॉ चौहान ने कहा कि जिले में इन सभी ओद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा दिए जाने हेतु जिला प्रशासन की ओर से हर सम्भव मदद प्रदान की जाएगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में कृषि,औद्यानिकी,पशुपालन के क्षेत्र में भी अनेक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि जिले में कनार का घी, डीडीहाट का खैचुवा,ओगला की नमकीन,स्थानीय ऐपण कला पर साड़ी का निर्माण को आगे बढ़ाने का कार्य किया जाय। जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में इन गतिविधियों को आगे बढ़ाए जाने हेतु हर संभव मदद दी जाएगी।
कॉन्क्लेव में जिले के विभिन्न क्षेत्रों से वाले उद्यमियों द्वारा भी अपने विचार रखते हुए ओद्योगिक गतिविधियों को आगे बढ़ाए जाने हेतु विभिन्न सुझाव दिए गए। उन्होंने कहा कि स्थानीय उद्योगों व उत्पादों का बेहतर प्रचार प्रसार करने की आवश्यकता है।
इस मौके पर सहायक प्रबंधक उद्योग केन्द्र श्रीकांत द्वारा
उद्योग विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। जिसमें औद्योगिक विकास स्कीम 2017, पूंजी उपादान योजना, केन्द्रीय बीमा जिसमें राज्य सहायता 100 प्रतिशत (उत्पादन प्रारम्भ करने से 5 वर्षों तक) के अतिरिक्त उत्तराखण्ड सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम नीति 2015 जिसकी योजना अवधि 31 मार्च 2023 तक है,राज्य पूजी उपादान योजना जिसमें भवन एवं मशीनरी के निवेश पर 40 प्रतिशत अधिकतम रुपया 40 लाख मिलता है, व्याज उपादान योजना 10 प्रतिशत अधिकतम 8 लाख (उत्पादन प्रारम्भ करने से 5 वर्षों तक)
विद्युत बिल प्रतिपूर्ति 100 के0 वी०ए० तक प्रथम 8 वर्ष वर्षों के लिए 100 प्रतिशत तत्पश्चात योजना अवधि तक ७० प्रतिशत तक तथा 100 केवी०ए० से ऊपर प्रथम 5 वर्ष के लिए 60 प्रतिशत तत्पश्चात योजनावधि तक 50 प्रतिशत
स्टाम्प शुल्क100 प्रतिशत गया, विशेष राज्य परिवहन उपादान वार्षिक टर्नओवर का 7 प्रतिशत अधिकतम रूपया 7 लाख प्रतिवर्ष प्रति इकाई है।महिला उद्यमियों के लिए भी विशेष प्रोत्साहन सहायता योजना संचालित है जिसकी योजना अवधि 31 मार्च 2023 तक है।पूंजी उपादान, प्लान्ट मशीनरी के निवेश पर 25 प्रतिशत अधिकतम रूपया 25 लाख, व्याज उपादान 06 प्रतिशत अधिकतम रूपया 5 लाख, उत्पादन प्रारम्भ करने से 5 वर्षों तक है इसके अतिरिक्त उत्तराखण्ड उद्यम एकल खिड़की सुगमता और अनुज्ञापन नियमावली 2015 के अंतर्गत राज्य में उद्योग की स्थापना के लिए आवश्यक समयबद्ध लाइसेन्स अनुमति एवं मंजूरी प्रदान करने को लिए उत्तराखण्ड उद्यम एकल खिड़की सुविधा और निकासी अधिनियम 2012 (2013 का उत्तराखण्ड अधिनियम संख्या 05) के परिणाम स्वरूप सिगल विन्डो क्लीयरेन्स सिस्टम का गठन किया गया।सिंगल विन्डो क्लीयरेन्स सिस्टम पोर्टल निवेशकों के लिए सिंगल विंडो सुविधा तन्त्र है। यह पोर्टल निवेशकों के लिए सरकारी नीतियों प्रोत्साहन योजनाओं एवं बुनियादी ढांचे की उपलब्धिता के बारे मे जानकारी का एक माध्यम है। यह निवेशकों को प्रस्तावित निवेश परियोजनाओं के लिए आवेदन प्रक्रिया को समझने में मदद करने के लिए नियमावली प्रदान करता है। पोर्टल विभिन्न हितधारक विभागों को निवेशकों द्वारा आवेदनों को संसोधित करने और उन्हें ऑनलाइन स्वीकृत करने की सुविधा प्राप्त करता है।
उत्तराखण्ड स्टार्टप्स पॉलिसी, 2018 स्टैण्ड अप इण्डिया योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम,मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना,क्रय वरीयता नीति ग्रोथ सेन्टर योजना जिला स्तरीय पुरस्कार योजना,उत्तराखण्ड राज्य शिल्प रत्न पुरस्कार योजना के सम्बंध में जानकारी दी गई।
इस अवसर पर उद्योग विभाग देहरादून से आए उप निदेशक अभय सिंह द्वारा भी पीपीटी के माध्यम से विभिन्न जानकारी दी गई।
बैठक का संचालन विप्लव भट्ट द्वारा किया गया।
इस अवसर पर पर्वतीय चाय उत्पादन समिति बेरीनाग विनोद कार्की,आभार इंटरनेशनल से मनोहर सिंह मनोला,माँ कॉमाख्या इंडस्ट्री से सतीश भट्ट,भाव राग ताल नाट्य अकादमी से रोहित यादव आदि उपस्थित थे।